मक्के की खेती से कृषक होंगे समृद्ध शील, खेतो मैं लहलहा रही मक्के की फसल

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद– किसान कल्याण व कृषि विभाग जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक के एस नेताम ने मक्के की फसल का जायजा लेने तेवरी पहुँचे।जहां खेतो मैं जाकर लहलहा रही मक्के की फसल को देख किसानों से चर्चा की।साथ ही किसानों को खेती को लाभ का धंधा बनाने पर जोर दिया।
खेतो मैं लहलहा रही मक्के के फसल के संबंध मे किसानों से जानकारी ली तो कृषक गोकुल कुशवाहा,घनश्याम कुशवाहा, मुरली कुशवाहा, मुश्कीलाल कुशवाहा ने बताया कि तेवरी मक्के की फसल को लेकर देश सहित विदेशों मैं जाना जाता है।हालांकि इस बार पहली बार कृषि विभाग के अधिकारियों के निर्देशन मैं रासायनिक खाद को छोड़ नैनो उर्वरक(तरल) का उपयोग किया गया है।जिससे मक्के की फसल को लाभ हुआ है।जिससे खेतो मैं फसल लहलहा रही है।पहली बार डीएपी दानेदार के स्थान पर नैनो डीएपी तरल का प्रयोग 150 कृषकों ने 150 एकड़ पर किया। नैनो डीएपी 5 मिली.प्रति किलोग्राम मक्का बीज को बोवनी के समय किया गया।जिससे फसल का अंकुरण बेहतर होने के साथ ,स्वीटकार्न की फसल बहुत अच्छी है।स्वाद भी अच्छा है।क्षेत्र के किसानों की जीवकोपार्जन का साधन मक्के की फसल है।मक्के निकलना शुरू हो गया जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 30 मैं दुकाने लगाकर व्यापार करने लगें है!साथ ही देश के हर राज्यो मैं निर्यात किया जा रहा है।किसानों की बातों को सुन संयुक्त संचालक ने किसानों के साथ स्थानीय कृषि विभाग के अधिकारियों को बधाई दी।कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाना है।खेती से आमदनी दोगुनी इस पध्दति पर ही कार्य करना है।इसलिए किसानों को नई तकनीक से कृषि कार्य करवाये।संयुक्त संचालक ने कहा कि नैनो उर्वरक(तरल)का ही उपयोग करें।क्योंकि रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन उपजाऊ नही होगी।कृषि उत्पादन प्रभावित होता है।कृषि विभाग के एसएडीओ आर के चतुर्वेदी ने बताया की इस वर्ष स्वीटकार्न 150 हैक्टेयर व हाइब्रिड 650 हैक्टेयर मैं बोवनी हुई है।
किसानों को हर संभव जरूरी जानकारियां व सरकार की किसानों के हित मे चलाई जा रही योजनाओ की जानकारी दी जाती है।इस दौरान उप संचालक मनीष मिश्रा,इफको डीजीएम राजेश मिश्रा, एसएडीओ आर के चतुर्वेदी, ड्रोन पायलट मृत्यूंजय बाजपेयीसहित किसानों की उपस्थिति रही।

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