
धान की फसल पर रोगों का प्रकोप,गुणवत्ता हो रही प्रभावित
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद :खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान में बीमारी लगने से किसान परेशान है। धान की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।जिससे किसानों को फसल उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते धान की फसल में बीमारियां लग रही है। खासतौर पर धान में तना छेदक व ब्लास्ट रोग का प्रकोप देखा जा रहा है। कुछेक स्थानों पर गंधीवग रोग भी लग रहा है। इन बीमारियों से किसानों को काफी नुकसान होने की संभावना है। अधिकांश किसान इसके बचाव के लिए प्रयास भी कर रहे हैं। कीटनाशक दवाओं का उपयोग भी कर रहे हैं। लेकिन कुछेक स्थानों में यह समस्या सबसे अधिक बनी हुई है। धान की फसल में बीमारी लगने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है।
उत्पादन होगा प्रभावित
कृषक राकेश साहू,खोबेलाल यादव, पन्ना लाल यादव, मनोज लोधी ने बताया कि धान की फसल में बीमारी लगने से गुणवत्ता प्रभावित होगी। जिससे उत्पादन भी प्रभावित होगा। इससे किसानों को काफी नुकसान होगा। हालांकि, किसान इसके रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। जिसमें उन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली है।
बाकल मे किसान संगोष्ठी हुई आयोजित
बहोरीबंद विकासखंड क्षेत्र मे धान की फसल पर रोग लगने के कारण किसानो के सामने उपजी समस्या को लेकर कृषि विभाग का अमला सक्रिय हो गया है!जिस गाँव से भी शिकायते प्राप्त हो रही है वहां कृषि विभाग का अमला पहुंचकर किसानों को समसामायिक सलाह दे रहा है!
मंगलवार को ग्राम पंचायत बाकल मे किसान संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ!जहाँ वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी आर के चतुर्वेदी बताया कि मौजूदा समय में हल्की प्रजाति व भारी प्रजाति की धान फसल गभोट अवस्था मे आ चुकी है!
मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते धान की फसल में बीमारी लगने की संभावना बनी रहती है। भूरा माहू रोग धान के भीतर निचले भाग के तना /पत्तियों में बैठकर रस चूसता है, यह समूह में रहता है। पैच के पैच में रस चूसकर फसल को पैरा जैसा बना देता है।भूरा माहू रोग के प्रकोप का कारण जमीनी सतह में पानी और तेज धूप की स्थिति के निर्मित होती है!
भूरा माहू, तनाछेदक व उकटा रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए किसान भाई खेतों से पानी की स्थिति कम करें तथा पाइमेट्रोजिन 50 प्रतिशत डब्ल्यूजी 300 ग्राम,थायोमेथेक्जाम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी 120 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी की क्षमता वाले स्प्रेयर पम्प मैं अच्छी तरल घोलकर प्रति एकड़ खेत की धान फसल को तर करते हुए छिड़काव करें या कारटाप हाईड्रोक्लोराइड 4 प्रतिशत +फिप्रोनिल 0.5 प्रतिशत मात्रा 6-7 किलोग्राम को 10-15 किलो रेत या यूरिया मैं मिलाकर शाम के समय प्रति एकड़ की दर छिड़काव करें!
साथ किसानों को नरबाई- पराली प्रबंधन पर चर्चा हेप्पी सीडर, सुपर सीडर पंजीयन,प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना , रबी मौसम के लिए उर्वरकों का अग्रिम उठाव करने को कहा गया!कनिष्ठ यंत्री रामकुमार सेन ने विद्युत विभाग की योजना एवं कार्यक्रम की जानकारी देते हुए घरों में व खेतों में सोलर सिस्टम स्थापना कराने की सलाह दी। संगोष्ठी में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों सहित 30 किसानों की उपस्थित उल्लेखनीय रही। संगोष्ठी का आयोजन कृषि विस्तार अधिकारी प्रेम मौर्य द्वारा किया गया।
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