सिहोरा जिला को लेकर सड़क पर उतरी कांग्रेस,मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौपा ज्ञापन 

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जबलपुर:सिहोरा जिला के मुद्दे को लेकर आज सिहोरा की सड़क पर उतरी कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपते हुए जल्द से जल्द सिहोरा को जिला बनाने की मांग की है।इस दौरान सिहोरा ,बाकल ,बहोरीबंद ,मझोली ,पोड़ा ढीमरखेड़ा सहित अन्य जगह के लोग शामिल हुए।

जिला की मांग 

कांग्रेस ने एसडीएम सिहोरा पुष्पेंद्र आहाके को मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौपते हुए बताया की
सिहोरा विखंडित होने से पूर्व मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील होने का गौरव रखती थी। सिहोरा के अंतर्गत सिहोरा, मझौली, ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद विकासखंड शामिल थे। वर्तमान में सिहोरा तहसील में शामिल रहे मझौली, ढीमरखेड़ा और बहोरीबंद स्वयं तहसील हैं। क्षेत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर सिहोरा को जिला बनाया जाना उपयुक्त होगा।

 

सिहोरा को जिला बनाने सौपा ज्ञापन 

 

सिहोरा जिला को लेकर  दिनांक 21.10.2001 को तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री  दिग्विजय सिंह  द्वारा सिहोरा को जिला बनाए जाने की सार्वजनिक घोषणा सिहोरा के किसान सम्मेलन में की गई थी।

2- इस घोषणा पर अमल करते हुए इसमें शामिल किए जाने वाले क्षेत्र बहोरीबंद, मझौली और ढीमरखेड़ा विकासखंड के राजनेताओं एवं आम नागरिकों से प्राप्त दावे आपत्तियों के निराकरण के पश्चात मध्य प्रदेश की सरकार के द्वारा सिहोरा जिला की चतुर सीमा का निर्धारण करते हुए दिनांक 11.07. 2003 को मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण क्रमांक 389 जारी किया गया। इस राजपत्र में मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 13 के अंतर्गत प्रस्तावित सिहोरा जिला के अंतर्गत संपूर्ण सिहोरा तहसील, संपूर्ण मझौली तहसील, वर्तमान में कटनी जिले की संपूर्ण बहोरीबंद तहसील और ढीमरखेड़ा तहसील को समाविष्ट करते हुए नवीन जिले सिहोरा का सृजन किया गया था।
3 – विभागीय प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए दिनांक 01.10.2003 को मध्य प्रदेश की सरकार के द्वारा सिहोरा जिला के प्रस्ताव को विधिवत मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई । विधानसभा चुनाव की आचार संहिता निकट थी  सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 2004 से सिहोरा जिला अस्तित्व में आ जाएगा ।परंतु उक्त तिथि को भी सरकार द्वारा सिहोरा जिला लागू नहीं किया गया।
5- दिनांक 5 जून 2004 को मध्य प्रदेश सरकार की तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती का “पंचज” अभियान में सिहोरा आगमन हुआ और उन्होंने सिहोरा के अपने प्रशासनिक दौर में सार्वजनिक मंच से यह घोषणा की कि वह सिहोरा को एक पुष्ट जिला बनाना चाहती हैं जिसके लिए उन्हें और अधिक समय की आवश्यकता है। इसलिए उन्होंने घोषणा की कि आगामी देवउठनी ग्यारस (नवंबर 2004)को सिहोरा जिला अस्तित्व में आ जाएगा।
6- मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के फरवरी 2005 के सत्र में एक विधानसभा प्रश्न क्रमांक 79 के जवाब में तत्कालीन राजस्व मंत्री दिलीप भटेरे ने विधानसभा में सिहोरा को जिला बनाए जाने के प्रश्न के संबंध में वक्तव्य दिया कि सिहोरा जिला के गठन के प्रस्ताव को वर्तमान में स्थगित कर दिया गया है। इसका कारण उन्होंने मध्य प्रदेश की तत्कालीन आर्थिक व्यवस्था को कमजोर होना बताया था। माननीय मंत्री ने यह भी घोषणा सदन के अंदर की थी कि मध्य प्रदेश सरकार वित्तीय भार के कारण अभी कोई नवीन जिले नहीं बनाने जा रही है। पूर्व के बने जिले सिहोरा को स्थगित रखा गया है। विदित हो कि उस समय मध्य प्रदेश में कुल 48 जिले थे, इसके बाद लगातार आठ नए जिलों का गठन मध्य प्रदेश में किया गया किंतु सिहोरा जिला की प्रस्ताव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

 

 

 

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