तालों मैं कैद ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वच्छता परिसर
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद– महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बहोरीबंद जनपद की ग्राम पंचायतों मैं तीन साल पहले 78 ग्राम पंचायतों मैं सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण कार्य किया गया था।लेकिन बहोरीबंद ब्लॉक में बनाए गए सामुदायिक स्वच्छता परिसरो को बनाकर जिला पंचायत कार्यालय उसे चालू कराना भूल गया है। बहोरीबंद ब्लॉक की 78 ग्राम पंचायतों में बनाए गए सामुदायिक शौचालय को देखकर कुछ ऐसा ही अनुमान लगाया जा रहा है। सभी स्वच्छता परिसरों पर ताला लगा हुआ है। ऐसे में जिस मंशा से शौचालय का निर्माण किया गया है। वह पूरा होते नहीं दिख रहा है।पंचायते इन स्वच्छता परिसर के संचालन का भार उठाने मैं सक्षम नही है।क्योंकि वहां पर कर्मचारियों और रखरखाव का बजट नही होना बताया गया है।
जानकारी के अनुसार बहोरीबंद ब्लॉक की 78 ग्राम पंचायतों मैं उक्त योजना के तहत सामुदायिक स्वच्छता परिसरो का निर्माण कराया गया है।78 मे से कुछ स्वच्छता परिसर 3 लाख 50 हजार रुपये व कुछ स्वच्छता परिसर 4 लाख 50 हजार रुपये की राशि से निर्माण कराया गया।4 लाख 50 हजार रुपये की राशि से निर्मित स्वच्छता परिसरों मैं 50 हजार रुपये विधायक विकास निधि से प्राप्त हुए।इन शौचालयों का निर्माण स्वच्छता मिशन के तहत किया गया है।उक्त 78 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण मैं तीन करोड़ रुपये की राशि का उपयोग हुआ है।लेकिन इसका संचालन शुरू नहीं होने से यह मिशन पूरा होते नहीं दिख रहा है।कुछ स्थानों पर शौचालय का कार्य पूरा होकर जीओ टैग हो चुका है, जबकि कुछ स्थानों पर अब भी पानी की उपलब्धता बाकी है। लेकिन संचालन शुरू नहीं होने से एक ओर जहां जिला पंचायत कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल खड़़ हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्वच्छता मिशन की मंशा पूरी होते नहीं दिख रही है। शासन की मंशा है कि शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी समूहों को दी जाए ताकि समूह आत्मनिर्भर हो सकें।
इनका कहना है- नवीन साहू विकासखंड समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन बहोरीबंद
बहोरीबंद विकासखंड मैं ग्राम पंचायत स्तरों पर जो सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।
उनमे से 12 स्थानों पर संचालन शुरू किया गया है!शेष पानी की समस्या के कारण तथा स्वच्छता मित्रों की नियुक्ति के बाद शीघ्र शुरू किये जायेंगे!