विद्यार्थियों के जीवन मे गुरु का स्थान होता है महत्वपूर्ण
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद : उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ के तहत गुरुवार को स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद मे गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया!जहाँ छात्र -छात्राओं ने गुरुजनों का तिलक लगा, माला पहनाकर आशीर्वाचन लिया!
कार्यक्रम की शुरुआत माँ वीणावादिनी सरस्वती की पूजा अर्चना कर किया गया!प्राचार्या डॉ.सरिता पांडेय ने विद्यार्थी जीवन मे गुरु महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु, छात्रों को न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें सही मार्गदर्शन भी देते हैं, जिससे वे जीवन में सफल हो सकें।गुरु छात्रों को विभिन्न विषयों का ज्ञान प्रदान करते हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
गुरु छात्रों के चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उन्हें नैतिक मूल्यों और अच्छे गुणों को सिखाते हैं!
गुरु छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। गुरु छात्रों को अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।
गुरु छात्रों को आध्यात्मिक विकास में भी मदद करते हैं और उन्हें जीवन के गहरे अर्थों को समझने में सहायता करते हैं।
भारत में गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जिसमें गुरु अपने शिष्यों को ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते थे।गुरु-शिष्य संबंध एक पवित्र और आदरणीय संबंध माना जाता है, जिसमें गुरु अपने शिष्यों को अपने बच्चों की तरह मानते थे।आज भी, गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व बना हुआ है, और गुरु छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विद्यार्थी के जीवन में गुरु का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। गुरु छात्रों को ज्ञान, मार्गदर्शन, और चरित्र निर्माण में मदद करते हैं, जिससे वे जीवन में सफल हो सकें।वहीं आशुतोष सोनी ने गुरु महत्वता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्र-छात्राओं को बतलाया कि ” गुरु” शब्द का अर्थ है “अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला।” गुरु वह व्यक्ति है जो हमारी अज्ञानता को दूर करके हमें सही ज्ञान, दिशा और जीवन के असली उद्देश्य को समझने में सहायता करता है। एक गुरु न केवल हमें शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाता है!गुरु वह होता है जो दूसरों को अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञानता से ज्ञान की ओर और भ्रम से स्पष्टता की ओर ले जाता है। कई परंपराओं और जीवन के तरीकों में भी गुरु को अक्सर ज्ञान, मार्गदर्शन ओर प्रेरणा के स्त्रोत के रूप मे देखा जाता है!इस दौरान कार्यक्रम प्रभारी डॉ प्रीत नेगी,डॉ अशोक पटेल,डॉ शैलेन्द्र जाट, भरत तिवारी, सत्येंद्र सोनी,डॉ बालेंद्र सिंह, डॉ राजेश कुशवाहा,डॉ भारती यादव,डॉ प्रीति यादव, डॉ रंजना वर्मा,
,डॉ सपना द्विवेदी, डॉ पूनम पांडे, श्रेया मिश्रा, डॉ अनिल शाक्य, अंजना पांडेय, दौलत सिंह सहित महाविद्यालय स्टॉफ व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही!