जीवनदायिनी को संवारने नही हो रही कोई पहल,सूखने लगी स्लीमनाबाद

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सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद- जिले की जीवनदायिनी कटनी नदी को संवारने न ही जनप्रतिनिधियों न ही प्रशासनिक स्तर से कोई पहल न होने के कारण अब अस्तित्व खतरे मैं नजर आ रहा। नदी के जीवन स्तर को सुधारने राज्य शासन का नदी पुनर्जीवन अभियान भी सरकारी फाइलों मैं कैद होकर रह गया है ।जिसका आलम यह कि फ़रवरी माह मैं ही जीवन दायिनी कटनी नदी सूखने लगी है । अब जबकि गर्मी का मौसम आने को है, लेकिन अभी से जलाशयों से लेकर अन्य सभी जल स्त्रोत सूखने लगे हैं। ऐसे में लोगों के समक्ष मार्च महीने से पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा । लोगों का कहना है कि फ़रवरी माह में ये हाल है तो मार्च -अप्रेल,मई-जून में क्या होगा।स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र मैं आने वाले दर्जनों गांवो के लिए कटनी नदी जीवन दायिनी थी ।जिससे कृषि कार्य से लेकर पशु पक्षियों, मवेशियों के लिए सहारा थी
लेकिन आमजन की इस बड़ी समस्या से प्रशासन को जैसे कोई लेना-देना ही नहीं रह गया है। सरकारी व्यवस्थाएं सिर्फ कागजों तक ही सिमटी हैं। क्योंकि कटनी नदी को नया रूप देने जिससे बारहमासी पानी नदी मैं रहे इसके लिए राज्य शासन के नदी पुनर्जीवन अभियान मैं वर्ष 2019 मैं शामिल किया गया था।लेकिन जिला प्रशासन की ओर से धरातल पर प्रयास नाकाफी है।जिसका आलम यह है कि ग्रामीण अंचल के अलावा स्वयं तहसील मुख्यालय स्लीमनाबाद मैं कटनी नदी सूखने की कगार पर आ गई  है ।
जिससे आसपास के क्षेत्रों मैं जलस्तर पर प्रभाव पड़ा है।जिससे जलसंकट लोग जूझने लगे,जब भीषण गर्मी पडेगी तब लोग बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज होंगे।
स्लीमनाबाद मै लोगों के घरों मै बोरवेल का जल स्तर घटने लगा है! क्षेत्रीय ग्रामीण राकेश साहू, आदित्य दुबे, नितिन अग्रहरि, विजय हळदकार ने बताया कि यदि हाल यही रहा तो आने वाले दिनों में इंसान तो इंसान पशु-पक्षियों को भी पानी नसीब नहीं होगा। पिछले कई वर्षों से क्षेत्र के तालाबों का गहरीकरण नहीं कराया गया, जिसके चलते गर्मी की शुरूआत में ही तालाब सूखकर मैदान दिखने लगे हैं।

इनका कहना है- प्रणय पांडेय विधायक बहोरीबंद विधानसभा
जीवनदायिनी कटनी नदी के स्तर को सुधारने जो कार्य हो सकेगा उसके लिए जनपद व जिला पंचायत सीईओ से चर्चा की जाएगी ।क्षेत्रीय वासियो को पानी की कमी से ग्रीष्म काल मे न जूझना पड़े उसके विधानसभा छेत्र मैं कार्य किये जा रहे है।

 

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