मध्यप्रदेश के 5 शहरों में लागू होगी नयी इलेक्ट्रिक मोटर व्हीकल पॉलिसी

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जबलपुर, राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में सुरक्षित, सुगम एवं किफायती परिवहन के लिये इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2025 तैयार की गई है। इसका उददेश्य पर्यावरण प्रदूषण एवं ईंधन की निर्भरता को कम कर गैर-ईंधन वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। वर्ष 2019 में लागू इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की अवधि समाप्त होने के बाद इस नवीन नीति में दोपहिया, तिपहिया वाहन, कार-बस, हल्के वाणिज्यिक वाहन ट्रक, ट्रैक्टर एवं एम्बुलेंस को शामिल किया गया है।पाँच शहर होंगे मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर वाहन श्रेणी, पॉलिसी अवधि के अनुसार नये पंजीकरण (% में) – इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन 40, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (वाणिज्यिक बेड़ा) 100, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन (यात्री और माल ढुलाई) 80, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन 15, इलेक्ट्रिक बसें 40।

ये पांच शहर शामिल 

वहीं पंच वर्षीय इस नीति में प्रदेश के प्रमुख संभागों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर घोषित किए गए हैं। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक रोड मेप तैयार किया गया है। इस योजना में 80 प्रतिशत शासकीय वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में परिवर्तित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। शासन द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन का प्रावधान रखा गया है, जिसमें नियामक रूप में ई-वाहनों के लिये पंजीकरण शुक्ल में छूट एवं डीजल-पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में कन्वर्ट करने के‍लिये एक वर्ष के लिये रेट्रोफिटिंग प्रोत्साहन राशि का प्रावधान भी रखा गया है।

ग्रीन नंबर प्लेट

ई-वाइनों की विशेष पहचान के लिये ग्रीन नंबर प्लेट लगवाई जा रही है। निजी उपयोग वाले ई-वाहनों को हरी नंबर प्लेट पर सफेद अक्षर एवं कॉमर्शियल उपयोग के वाहनों को हरी नंबर प्लेट पर पीले अक्षर निर्धारित किये गये हैं। ई-व्ही मॉडल शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की पार्किंग के लिये पृथक से स्थान सुरक्षित रखे जायेंगे। ई-मोबिलिटी जोन निर्माण के लिये धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के पर्यटक गांव, प्रौद्योगिकी केन्द्र एवं विशेष आर्थिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र सुरक्षित रखे गये हैं।

प्रत्येक 20 किमी पर होंगे चार्जिंग स्टेशन

ई-वाहनों की चार्जिंग के लिये राजमार्ग और प्रमुख सड़कों पर प्रत्येक 20 किलोमीटर के अंतराल पर कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जायेगी। भारी वाहनों के लिये 10 किलोमीटर पर राजमार्ग के दोनों ओर एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जायेगी। इसके अलावा चिन्हित ई-व्ही पायलेट शहरों में प्रत्येक एक कि.मी. पर चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

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