खेतो मैं 30 फीसदी पकी खड़ी गेंहू की फसल ,बारिश न हो इंद्रदेव को मना रहे अन्नदाता
सुग्रीव यादव स्लीमनाबाद :, खेतो में खड़ी गेहूं की फसल पर अचानक बेमौसम बारिश का खतरा मंडराने लगा है। इससे बचाव के लिए अन्नदाता इंद्रदेव से प्रार्थना कर रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि बहोरीबंद विकासखण्ड में 70 फीसदी फसल खेतों से कट गई है!गुरुवार को मौसम बदलाव से किसानो के सामने चिंता के बादल मडराने लगे है!
जानकारी के अनुसार बहोरीबंद विकासखण्ड में गेहूं का रकबा 20 हजार हेक्टेयर में है। नवम्बर से फरवरी तक बेहतर मौसम होने से फसल का बम्पर उत्पादन अच्छा होने का अनुमान था।
गेंहू की जो फसल पककर तैयार हो चुकी है उसकी कटाई-मिसाई का कार्य चल रहा है।इसी बीच हवा-तूफान के साथ बारिश का मौसम बन गया है।गुरुवार की सुबह बूंदा-बांदी के साथ सायं के समय तेज हवायें चली । मौसम में इस परिवर्तन से किसान सहम गए हैं। उनकी चार माह की मेहनत दांव पर हैं। इस फसल पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था निर्भर है।कृषि अधिकारियों की मानें तो बेमौसम बारिश का संकट का ये समय टल गया तो फसल का उत्पादन कहीं से भी प्रभावित नहीं होगा। उनके अनुसार बारिश होने पर खेतों से कट गई फसल को सुरक्षित रखना जरूरी है। खेतों में खड़ी फसल को बारिश होने पर कम नुकसान होगा। मौसम खुल जाए तो अगले एक सप्ताह मैं शेष 30 फीसदी फसल भी खेतों से कट जाएगी और किसानों के चेहरे खुशी से खिल जाएंगे।तेज हवाओं से खेतों मैं गिरी फसल उत्पादन होगा प्रभावित-
विकासखण्ड क्षेत्र मे मार्च माह मैं बारिश ओर ओलावृष्टि हुई।तेज हवाओं के चलते खेतो मैं पकी गेंहू की फसल खेतो मैं लेट गई।जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ था।कृषक शिवलाल यादव,पवन यादव,कृष्णकांत कुशवाहा, सुरेश विश्वकर्मा ने बताया कि फसल गिर जाने से हार्वेस्टर भी सही तरीक़े से कटाई कार्य नही कर पायेगा।साथ ही जो गेंहू की फसल पककर खेतो मैं खड़ी है हल्की बारिश होने से गेंहू की बालियों मैं कालापन आएगा।
नहीं मिल रहे मजदूर
मौसम के मिजाज को देखते हुए हर किसान चाह रहा है कि वह अतिशीघ्र अपनी गेंहू फसल की कटाई व मिसाई कर उसे सुरक्षित कर दे। किसानों द्वारा इस कार्य के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी गई है, ऐसे में श्रमिकों की मांग अचानक बढ़ गई है। जिसके चलते श्रमिकों की कमी हो गई है और किसानों को एक साथ श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं। जिन किसानों के यहां श्रमिक लगे हैं वह उन्हें छोडऩा नहीं चाह रहे। जिससे किसानों की मुश्किल बढ़ रही है।
इनका कहना है- आर के चतुर्वेदी एसएडीओ कृषि विभाग
मौसम बदलाव से किसानों की चिंता बढ़ी है।क्योंकि अभी भी
विकासखण्ड क्षेत्र मे 30 फीसदी गेंहू फसल की कटाई कार्य शेष है,70 फीसदी फसल कटाई कार्य हो चुका है।
लिहाजा बेमौसम बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा टल जाए ।जिससे किसान अपनी फसल को सुरक्षित कर सके।
गेंहू फसल की कटाई-मिसाई कार्य पूर्णता की ओर है।
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