सीधी बस हादसे पर सीएम ने कहा है घटना की जड़ तक जाऊंगा…?
सीधी (ननकू यादव):सीधी सतना आइये फिर हम आपको बताते हैं घटना की जड़… इसके लिए आपको छुहिया घाटी को समझना पड़ेगा। जब बघवार सीमेंट फैक्ट्री बन्द थी तो इस मार्ग से इक्का दुक्का यात्री वाहन निकलते थे। इनके अलावा यहां से तब रेत और राखड़ लेकर ट्रक और बल्कर चलते थे। नाम का ट्रैफिक था। अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के खुलते ही छुहिया घाटी की सड़क भारी वाहनों से ओवर लोडेड हो गई। क्षमता से ज्यादा वजन लेकर अंधाधुंध चलने वाले वाहनों ने सड़क के परखच्चे तो उड़ा ही दिए, आये दिन हादसों का सबब बन लगातार जाम का कारण भी बनने लगे। ऐसा कोई दिन नही जब दो या तीन बार बड़ा जाम नही लगता।
ऐसे में रोज गुजरने वाले वाहनों ने इसका विकल्प तलाशा और बाणसागर नहर की मेड़ पर बनी कच्ची सड़क के इस्तेमाल को अपनी आदत में ले आये।
इधर चार दिन से घाट पर खराब वाहन की वजह से लगातार जाम लग रहा था। इसलिए रूटीन पर चलने वाले ज्यादातर वाहन इसी नहर वाले मार्ग से गुजर रहे थे।
1/ अब सवाल खड़ा हो रहा कि इस खस्ता हाल सड़क के सुधार का प्लान और काम प्रारंभ करना किसका जिम्मा था/है
2/ घाट पर जाम न लगने पाए और निर्बाध यातायात चलता रहे, इसकी पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी किसकी है?
3/ चार दिन से घाट पर जाम था और वाहन रूट बदल रहे थे। इसपर नियंत्रण और निगरानी का जिम्मा किसका था?
4/ नहर की कच्ची सड़क पर बस जैसे वाहन नियमित चल रहे थे, जैसा ग्रामीण बता रहे तो इस पर रोक का जिम्मा किसका था?
5/ सुप्रीम कोर्ट कमेटी रोड सेफ्टी के निर्देश है कि ऐसे दुर्घटना स्थलों को चिन्हित कर उसके स्थाई उपाय किये जायें, ब्लैक स्पॉट चिन्हित हो। सांसद की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की बैठकों का प्रावधान भी किया गया। लेकिन इसके बाद भी कुछ नही हुआ तो जिम्मेदार कौन?
6/ अंत मे ये सभी संस्थाएं, एजेंसियां और जिम्मेदारों पर जिले और संभाग के मुखिया निगरानी के लिए बैठाए गए, वे क्या करते रहे अब तक?
*तो मुख्यमंत्री जी जड़ तक जरूर जाइयेगा ताकि भविष्य में फिर इतनी जानें असामयिक न जाएं*