ऐसा सुनते ही तुलसीदास जी ने हनुमान जी को गले से लगा लिया
*ज्योतिषचार्य निधिराज त्रिपाठी अनुसार—–तुलसीदास जी जब “रामचरितमानस” लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी** :
💝सिय राम मय सब जग जानी,
करहु प्रणाम जोरी जुग पानी ।।💝
अर्थात –
पूरे संसार में श्री राम का निवास है, सबमें भगवान हैं और हमें उनको हाथ जोड़कर प्रणाम कर लेना चाहिए ।
चौपाई लिखने के बाद तुलसीदास जी विश्राम करने अपने घर की ओर चल दिए । रास्ते में जाते हुए उन्हें एक लड़का मिला और बोला –
अरे महात्मा जी, इस रास्ते से मत जाइये आगे एक बैल गुस्से में लोगों को मारता हुआ घूम रहा है । और आपने तो लाल वस्त्र भी पहन रखे हैं तो आप इस रास्ते से बिल्कुल मत जाइये ।
तुलसीदास जी ने सोचा – ये कल का बालक मुझे चला रहा है । मुझे पता है – सबमें राम का वास है । मैं उस बैल के हाथ जोड़ लूँगा और शान्ति से चला जाऊँगा ।
लेकिन तुलसीदास जी जैसे ही आगे बढे तभी बिगड़े बैल ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी और वो बुरी तरह गिर पड़े ।
अब तुलसीदास जी घर जाने की बजाय सीधे उस जगह पहुंचे जहाँ वो रामचरित मानस लिख रहे थे । और उस चौपाई को फाड़ने लगे, तभी वहां हनुमान जी प्रकट हुए और बोले – श्रीमान ये आप क्या कर रहे हैं ?
तुलसीदास जी उस समय बहुत गुस्से में थे, वो बोले – ये चौपाई बिल्कुल गलत है.। ऐसा कहते हुए उन्होंने हनुमान जी को सारी बात बताई ।
हनुमान जी मुस्कुराकर तुलसीदास जी से बोले – श्रीमान, ये चौपाई तो शत प्रतिशत सही है । आपने उस बैल में तो श्री राम को देखा लेकिन उस बच्चे में राम को नहीं देखा जो आपको बचाने आये थे । भगवान तो बालक के रूप में आपके पास पहले ही आये थे लेकिन आपने देखा ही नहीं ।
ऐसा सुनते ही तुलसीदास जी ने हनुमान जी को गले से लगा लिया ।
💝गंगा बड़ी, न गोदावरी, न तीर्थ बड़े प्रयाग ।
सकल तीर्थ का पुण्य वहीं, जहाँ हदय राम का वास ।।💝
!! जय श्री राम वन्दन !!
मेरे बताएं यह उपाय हर किसी के ऊपर लागू नहीं होते हैं सबसे पहले कुंडली का निरीक्षण कर ले और जब आपकी कुंडली अनुकूल हो तो ही मेरे बताएं उपाय आप अपनाएं **लेकिन, यदि आपके मन में कोई और दुविधा है या इस संदर्भ में आप और ज्यादा विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं ज्योतिष व वास्तु के लिए सम्पर्क करे* **ज्योतिषचार्य निधिराज त्रिपाठी** अगर आपको ग्रह दशा के बारे में जानकारी चाहिए तो आप हमें +91-9302409892 पर कॉल करें। या आप हमें
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