धर्ममध्य प्रदेश

जया एकादशी कल 23 फ़रवरी को, जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि, महत्व

 



ज्योतिषाचार्य निधि राज त्रिपाठी के अनुसार—–जया एकादशी व्रत कल 23 फरवरी को रखा जाएगा।
माघ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धर्म में जया एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने पाण्डव पुत्र युधिष्ठिर को इस एकादशी का महत्व बताया था, जिसके बाद उन्होंने जया एकादशी का व्रत किया था।

🌹 *जया एकादशी मुहूर्त।*

एकादशी तिथि प्रारंभ : 22 फरवरी सायं 05:16 बजे से

एकादशी तिथि समाप्त : 23 फरवरी सायं 06:05 बजे तक

जया एकादशी पारणा मुहूर्त : 24 फरवरी को सुबह 06:51 बजे से 09:09 बजे तक
अवधि : 2 घंटे 17 मिनट

🌹जया एकादशी व्रत विधि।

प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
व्रत का संकल्प लें और फिर विष्णु जी की आराधना करें।भगवान विष्ण़ु को पीले फूल अर्पित करें।
घी में हल्दी मिलाकर भगवान विष्ण़ु का दीपक करें।
पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई रखकर भगवान को चढ़ाएं।
एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाएं।भगवान विष्णु को केले चढ़ाएं और गरीबों को भी केले बांटे।

भगवान विष्णु जी के साथ लक्ष्मी जी का पूजन करें और गोमती चक्र और पीली कौड़ी भी पूजा में रखें।

🌹जया एकादशी व्रत से जुड़े नियम।

इस व्रत के दिन पवित्र मन से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
मन में द्वेष, छल-कपट, की भावना नहीं लानी चाहिए,
ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

नारायण स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
इस प्रकार से जया एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
जो लोग इस एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं वह भी एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें और जरुरतमंदों की सहायता करें तो इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है।

ॐ नमोः भगवते वासुदेवायः

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