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न्यायालयीन प्रकरणों की विवेचना में लापरवाही बरतने पर टी.आई. की वेतन वृद्धि रूकी और एस.आई. पर 3 हजार का अर्थदंड लगा 



जबलपुर : न्यायालयीन प्रकरणों की प्रस्तुति में जांच एवं अभियोजन स्तर पर लापरवाही अथवा जानबूझकर विद्वेषपूर्ण विवेचना के कारण न्यायालय से प्रतिकूल निर्णय होने के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी सिहोरा संजय दुबे की असंचयी प्रभाव से एक वेतनवृद्धि रोकने और घमापुर थाना के तत्कालीन उप निरीक्षक एम.एस. पटेल के विरूद्ध तीन हजार रूपए का अर्थदंड लगाया गया है । न्यायालय से प्रतिकूल निर्णय होने पर संबंधितों की जिम्मेदारी निर्धारित करने के उद्देश्य से विगत दिनों आयोजित जिला स्तरीय समिति की बैठक में अपर जिला दंडाधिकारी डॉ. राहुल फटिंग हरिदास, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राइम शिवेश सिंह बघेल तथा जिला लोक अभियोजन अधिकारी शेख वसीम खासतौर पर मौजूद थे । बैठक में विशेष सत्र न्यायाधीश पॉस्को, सिहोरा द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 11/2016 में पारित आदेश में तत्कालीन विवेचक उप निरीक्षक सुश्री प्रीति मिश्र के विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणी आदेश के संबंध में जांच की जा रही थी, लेकिन सिंहस्थ उज्जैन में ड्यूटी लगने के कारण प्रकरण की अग्रिम विवेचना व कार्यवाही का दायित्व तत्कालीन थाना प्रभारी सिहोरा संजय दुबे को सौंपा गया था, लेकिन विवेचना में बरती गई लापरवाही के कारण आरोपी के दोषमुक्त हो जाने के कारण पुलिस अधीक्षक द्वारा असंचयी प्रभाव से एक वेतनवृद्धि रोकने के दंड से दंडित किए जाने का आदेश अनुमोदन हेतु समिति को भेजा गया । इसी प्रकार न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जबलपुर द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 3214/2013 में पारित आदेश में थाना घमापुर के तत्कालीन विवेचक उप निरीक्षक एम.एस. पटेल के विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणी आदेश पारित किए जाने के संबंध में और बरती गई लापरवाही की वजह से आरोपी के दोषमुक्त हो जाने पर पुलिस अधीक्षक ने तीन हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश अनुमोदन हेतु प्रेषित किया है । समिति ने दोनों कर्मियों को दी गई सजा व दंड के प्रति संतोष व्यक्त किया ।
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