जलाशय हैं उपयोगी निर्माण को मिलेगी प्राथमिकता :संभागायुक्त
आईटीआई अप्रेंटिस को उद्योगों में रोजगार दिलाएं – संभागायुक्त के निर्देश
जबलपुर :संभागायुक्त राजेश बहुगुणा ने निर्देश दिए हैं कि शासकीय आईटीआई के अप्रेंटिस छात्र-छात्राओं को स्थानीय उद्योगों में शासन की मंशा के अनुरूप रोजगार दिलाया जाए। इसके लिए उद्योग और कौशल विकास विभाग प्रयास करें।
संभागायुक्त श्री बहुगुणा कौशल विकास, उद्योग, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभागों के संभागीय अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।
संभागायुक्त ने रोजगारमूलक योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए कहा कि आईटीआई उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षु रूप में विभिन्न उद्योगों में भेजकर दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अप्रेंटिस को रोजगार दिलाना पहली प्राथमिकता रहे। बैठक में बताया गया कि निजी उद्योगों में प्रशिक्षण के लिए भेजे गए अप्रेंटिस को उनके द्वारा किए गए कार्य के लिए नियमानुसार वेतन भी दिया जाता है। जबलपुर के पांच निजी उद्योगों से अप्रेंटिस प्रशिक्षण के लिए अनुबंध हुआ है। केंद्र सरकार के अधीन रक्षा संस्थानों और रेलवे से भी इसके लिए वार्ता चल रही है। एक अन्य योजना के लिए आईटीआई में पढ़ाई के दौरान उद्योगों में प्रशिक्षण का कार्यक्रम जुलाई माह से प्रारंभ किया जाएगा। आयुक्त के निर्देशानुसार आईटीआई का ट्रेनिंग अधिकारी भी ट्रेड की ट्रेनिंग के दौरान मौजूद रहेगा।
संभागायुक्त ने कहा कि परम्परागत ट्रेड में प्रशिक्षण के साथ उद्योगों की जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण भी दिया जाए। उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड मुख्यालय में शासकीय आईटीआई की जरूरत रेखांकित कर निर्देश दिए कि इस आशय का प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। इससे घर के समीप ही छात्रों को आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी।
स्वरोजगार योजनाओं के प्रकरण बैंकों को भेंजें
उद्योग विभाग की समीक्षा में रोजगारमूलक योजनाओं के लक्ष्यों और वितरण की जानकारी लेते हुए संभागायुक्त ने जून माह तक प्रकरण तैयार कर बैंकों को भेजने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने निर्देश दिए उद्योग प्रबंधन को उनके उद्योग में कार्य कर रहे दूरस्थ अंचलों से आने वाले श्रमिकों के लिए आवासीय डारमेट्री और केंटीन की व्यवस्था करनी चाहिए।
जलाशयों के निर्माण को प्राथमिकता दें
संभागायुक्त श्री बहुगुणा ने जलाशयों का निर्माण कार्य अभियान के रूप में करने के लिए ग्राम यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीक्षण यंत्री को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में डिंडोरी, मण्डला तथा अन्य जिलों के पिछड़े अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल क्षेत्रों को लिया जाए। कार्ययोजना में विभिन्न योजनाओं के तहत बड़े-छोटे जलाशयों के निर्माण को शामिल किया जाएगा। यहां तक वन क्षेत्रों में जलाशय निर्माण की संभावनाओं को शामिल किया जाए। यदि किसी की निजी स्वामित्व वाली भूमि में अच्छे जलाशय का निर्माण हो सकता है तो निजी भूस्वामी को समीप ही उतनी ही शासकीय भूमि आवंटित की जा सकती है। ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री इन संभावनाओं पर भी कार्य करें।
सड़कों के मरम्मत कार्य की हो निगरानी
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की कई वर्ष पहले बनी सड़कों की मरम्मत कराई जाए। असिस्टेंट मैनेजर और उपयंत्री मरम्मत को प्राथमिकता दें और सड़कों का सतत् निरीक्षण कर खराब स्थिति वाली सड़कों को चिन्हित करें। देखा जाए कि ठेकेदार सड़क संधारण के प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री सड़क योजना की समीक्षा भी की गई। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों का मरम्मत कार्य निरंतर प्रक्रिया के तहत कराया जाए।
संभागायुक्त ने लोक निर्माण विभाग की सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों के मरम्मत की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे का निर्माण तथा मरम्मत कार्य के दौरान यातायात बाधित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा सड़क निर्माण के डीपीआर को विभागीय अधिकारी एक बार पुनर्विचार कर ही स्वीकृति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं।
पेयजल समस्याओं का हो त्वरित निराकरण
बैठक में पेयजल की समस्या का निराकरण और आपूर्ति के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता को निर्देश दिए गए कि पेयजल आपूर्ति की समस्या और शिकायतों का निराकरण 48 घंटे की समयावधि में कर लिया जाए। संभागायुक्त ने ऐसे गांव, शहर, वार्ड की सूची चाही जहां दो तीन दिन और इसके अधिक समय से पेयजल आपूर्ति की समस्या बनी हुई है तथा निराकरण नहीं किया गया है। बैठक में संयुक्त आयुक्त विकास अरविंद यादव भी मौजूद थे।