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अप्रेल में ही सूखने लगी हिरन नदी देखें वीडियो



जबलपुर :फिर सूखकर गढ्ढो में तब्दील होने लगी हिरन नदी संकट में जल और जीवन विगत 4 -5 वर्षो से ग्रीष्म ऋतु में हिरन नदी सूखने लगी है जिसके पीछे की बजह है हिरन नदी से रेत का अंधाधुंध अवैध उत्तखनन और प्रचंड गर्मी लेकिन ये क्या अभी अप्रेल भी पूरी तरह खत्म नहीँ हुआ था की घाटसिमरिया पुल समीप हिरन नदी गढ्ढो में तब्दील होने लगी है हलाकि विगत पांच वर्षों से गर्मी आते ही हिरन नदी सूखकर गढ्ढो में तब्दील हो जाती है कभी सदाबहार अविरल धारा से बहने वाली जीवनदायनी हिरन नदी गर्मी आते ही सूखकर गढ्ढो में तब्दील होने लगी है यदि हम 5 वर्ष पूर्व गौर करें तो गर्मी क्या महागर्मी में भी हिरन नदी न तो सूखती थी न ही गढ्ढो में तब्दील होती थी लेकिन अब आलम कुछ अलग है अब तो गर्मी आते ही नर और पशु पक्षियों के कंठ को तर करने वाली हिरन नदी सूखकर गढ्ढो में तब्दील होने लगी है

प्रकृति का प्रकोप

वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ वर्षों से हिरन नदी का सीना छलनी कर रेत का अवैध उत्खनन किया गया है उससे हिरन नदी का स्वरूप तो बिगड़ा ही है साथ ही प्रकृति भी प्रकोप में ही आज हिरन का गर्मी आते ही सूखकर गढ्ढो में तब्दील होने प्राकृतिक प्रकोप ही है

प्रसासन नहीं लगा पाया अवैध उत्खनन पर लगाम

वहीं रेत के अवैध उत्खनन पर कार्यवाही का दम्भ भरने वाला प्रसासन रेत माफियो पर नकेल कसने में फेल रहा यदि देखा जाए तो हिरन नदी के खिन्नी केथरा घाट ,मगर कटा ,कटरा ,मढ़ा ,भंडरा ,सहित न जाने कितने ऐसे घाट होंगे जहाँ पर हिरन नदी का सीना छलनी कर रेत का अवैध उत्खनन न किया जा रहा हो हलाकि इस बात की जानकारी माईनिंग विभाग से लेकर राजस्व अधिकारियों ,सहित पुलिस के स्थानीय और आला अधिकारियों को होते हुए भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से जारी है नतीजन हिरन गर्मी आते ही उधार के पानी से जीवित रहने मजबूर हो जाती है

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